Monday, July 26, 2010

ज्ञान मिलेगा वेद से और वेद का केवल वही अर्थ सही है जो महर्षि ने किया है .

ज्ञान के लिए धैर्य चाहिए और आज की पीढ़ी अधीर है , हर काम में जल्दी करती है . इसलिए इसे वास्तविक ज्ञान मिलना कठिन है . इसी कारण आज भारत में विभिन्न मत मतान्तरों की बाढ़ आई हुई है . ज्ञान मिलेगा वेद से और वेद का केवल वही अर्थ सही है जो महर्षि ने किया है .
भ्रम फैलाने वालों में से एक नाम काम्दर्शी का है . आज वह कई ब्लोग्स पर निम्न बातें कहता फिरा . सबसे ज्यादा गंद उसने फैलाई है
bhandafodu.blogspt.com

vedquran.blospot.com

hamarianjuman.blogspot.com

blog4varta.blogspot.com
पर . इससे सावधान रहना हरेक ब्लोगेर का कर्तव्य है .
इसने कहा
हमारा भारत महान है क्योंकि यहाँ उस चीज़ की पूजा होती है जिस पर पुरुष की महानता टिकी होती है .
ज़ीशान जैदी ! ज्ञान लिंग से प्रकट होता है , भाषाएँ तो बहुत हैं और अक्षर भी परन्तु सब में प्यार करने के लिए ही कहा गया है और प्यार होता है लिंग से . भारतवासियों ने लिंग की शक्ति और महिमा सबसे पहले पहचानी है . मुसलमानों को भी पीछे छोड़ दिया . कोई इस सत्य से इंकार नहीं कर सकता .
वैज्ञानिक जी ! लिंग योनि या औरत मर्द कोमन नाम हैं इन्हें कोई भी रख सकता है .

सबसे बड़ा आधार है लिंग और योनि , इसी से जीवन चलता है . क्यों ?

हमारा भारत महान है क्योंकि यहाँ उस चीज़ की पूजा होती है जिस पर पुरुष की महानता टिकी होती है .

मैंने कहा 

बेटा कामदर्शी ! ये ज्ञान तुझे आर्य समाज के शोध पत्र से मिला है . बन्दर को मिल गयी हल्दी की गाँठ और वह खुद पंसारी समझने लगा . तू और अनवर एक जैसे हो . मेरे ब्लॉग पर आ, ज्ञान तुझे वहां मिलेगा .